नाकामयाब समय के कामयाब लोग कैसे होते हैं?
मुझे तो लगता है कि वो
घर जाते ही उतार देते हैं अपनी चमड़ी
और डाल देते हैं उसे वाशिंग मशीन में
फिर आंखों को, नाक को, कानों को
सीलबंद अलमारी में सहेज कर रख देते हैं
और अंत में रह जाते हैं सिर्फ दांत
जिनसे वो अपनी दिनभर की कामयाबी को रातभर चबाते हैं
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